– शहर के मुख्य चौराहों पर मतदान को लेकर ना कोई फ्लेक्स लगाया ना ही कोई होर्डिंग
– ना कोई रैली, ना कोई आयोजन ना ही सफाई गाडिय़ों पर मिल रहा मतदान का संदेश
– चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थियों ने भी नहीं लगाए होर्डिंग, पोस्टर
जावरा। लोकसभा चुनाव में हुए तीन चरणों के मतदान में कम मतदान प्रतिशत सरकारों के लिए चिंता का विषय बना हुआ हैं, देश के गृह मंत्री ने जिन विधायकों मंत्रियों के क्षैत्र में मतदान कम हुआ हैं, उन पर कार्रवाई करने के संकेत देते हुए धमकी भी दे दी हैं, उन अधिकारियों का क्या हो मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रति निष्क्रीय हैं।
जावरा मंदसौर संसदीय क्षैत्र के लिए आगामी 13 मई को मतदान होना हैं, लेकिन मतदाता जागरुकता को लेकर स्थानीय प्रशासन और सहायक निर्वाचन अधिकारी द्वारा कोई प्रयास नहीं किए गए हैं, मतदान प्रतिशत बढ़ाने तथा मतदाताओं को जागरुक करने के लिए रैली, नुक्कड़ नाटक आदि जैसे आयोजन करना तो दुर शहर के प्रमुख चौराहों पर मतदान को लेकर किसी प्रकार के कोई फ्लेक्स, होर्डिंंग तक नहीं लगाए गए हैं। विधानसभा चुनाव में शहर में चलने वाली कचरा गाडिय़ों पर मतदान करने का संदेश सुनाई देता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा हैं,
शहर का घंटाघर चौराहाचंद स्थानों पर फ्लेक्स लगाकर कर ली इति श्री –
मतदान का प्रतिशत बढ़ाने तथा मतदाताओं को जागरुक करने के लिए ऐसा नहीं हैं कि कही भी पोस्टर नहीं लगे हैं, स्थानीय प्रशासन ने शहर में चंद स्थानों पर पोस्टर तथा फ्लेक्स लगा रखे हैं, लेकिन उनकी साईज इतनी छोटी हैं कि वह दिखाई ही नहीं देती हैं, शहर के लहसुन मंडी में केवल एक दीवाल पर एक पोस्टर चिपका रखा हैं, नगर पालिका परिसर के साथ न्यायालय परिसर में छोटे फ्लेक्स लगाए हैं, रेलवे फाटक पर एक होर्डिंग लगाया हैं, लेकिन शहर के सभी प्रमुख चौराहें पर होर्डिंग और फ्लेक्स नदारत हैं, और तो और शहर का सबसे प्रमुख घंटाघर चौराहा जो हमेशा फ्लेक्स से ढका रहता हैं, उस पर एक भी फ्लेक्स या होर्डिंग नहीं लगाया गया हैं।
चुनाव प्रचार में नेता भी दिख रहे सुस्त –
लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदाताओं को रिछाने में जहां प्रशासन कमजोर नजर आ रहा हैं, तो वहीं नेता और जनप्रतिनिधि भी इस मामले में सुस्त दिखाई दे रहे हैं। चुनाव लड़ रहे कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी भी चुनाव प्रचार में ठंडे पड़े हैं, जबकि अगले सोमवार को मतदान होना हैं, ऐसे में शहर में ना तो प्रचार संबंधी होर्डिंग लगे है और ना ही माईक की गाडिय़ा ही दौड़ रही हैं, ऐसे में लोकसभा का चुनाव नीरस ही नजर आ रहा हैं। ऐसे में यदि मतदान का प्रतिशत कम रहता हैं इसके लिए जनता जिम्मेदार नहीं हैं, इसके लिए सिर्फ अधिकारी और नेता ही जिम्मेदार हैं।