– 21 साल के लंबे अंतराल के बाद जावरा पधारे संत कमलकिशोर जी नागर
– फोरलेन स्थित हिंगलाज माता मंदिर परिसर मे जारी श्रीमद् भागवत कथा
जावरा। भक्त को कथा की तासीर होना चाहिए, ताकि कथा का असर भक्त पर लगे, लेकिन वर्तमान में मनुष्य की तासीर खराब हो चुकी हैं, इसलिए कथा व धार्मिक प्रसंगों का असर नहीं हो रहा हैं। जैसे कोई पतला व्यक्ति है और उसे आप रोज़ बादाम खिलाओ, रोज़ घी खिलाओ पर उसको असर नहीं करेगा क्यों क्योंकि उसकी तासीर ही ऐसी हैं। इसी तरह नास्तिक लोगों को कितना भी भजन करवा लो, वो उसे नहीं लगेगा। किसी से रुपया उधार लेकर समय पर वापस दे दो तो संबंध बने रहते हैं, इसी तरह ईश्वर ने मानव शरीर उधार दिया हैं, इसे हमें समय पर ईश्वर को वापस करना हैं, इसलिए इस शरीर को भजन रुपी साधना से शुद्ध करो।यह बात संत कमलकिशोर नागर ने श्री हिंगलाज माता मंदिर प्रांगण में जारी सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दुसरे दिन भक्तों को कथा का रसपान करवाते हुए कहीं। संत ने कहा कि जिसने भी भागवत कथा का श्रवण कर लिया हैं, उसे नाम दीक्षा प्राप्त हो जाती हैं। पुराणों में भागवत पुराण श्रेष्ठ हैं, जैसे प्रहलाद ने खंबे से भगवान को प्रकट किया वैसे अपने भजन में भी इतना तप होना चाहिए कि भगवान प्रकट हो जाए। हमारे अंत समय में भगवान ही आना चाहिए। कथा के दौरान संत नागर ने भजनों के माध्यम से भक्तो को रिझाया, भजनों के पर भक्तों ने जमकर आनंद उठाया। कथा आयोजन रामचन्द्र सरतलिया, पंकज सरतलिया परिवार ने पौथी पूजन और आरती का लाभ लिया। कथा में हजारों की संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं। दुसरे दिन की कथा में भक्तों की संख्या अधिक होने से पांडाल छोड़ा पड़ा तो आयोजन समिति ने तत्काल नए पांडाल लगाकर उनके बैठने की व्यवस्था की। कथा का संचालन लोकेश शर्मा ने किया।
कथा स्थल के लिए नि:शुल्क बस सेवा –
कथा के व्यवस्थापक मनीष सेठिया (आलोट) ने बताया कि 21 सालों के बाद जावरा की धरती पर कथा करने पधारे संत कमल किशोर नागर की कथा का श्रवण करने जावरा के साथ ही आसपास के कई श्रृद्धालु कथा श्रवण करने पहुंच रहे हैं। कथा स्थल तक भक्तों को लाने के लिए आयोजन समिति ने नि:शुल्क बसों की व्यवस्था की हैं, वहीं आसपास के भक्तों द्वारा कथा स्थल के लिए नि:शुल्क ट्रेक्टर, टेम्पों की सुविधा प्रदान की जा रही हैं, वहीं अन्य राज्यों व शहरों से आए लोगों के लिए समिति ने पांडाल में नि:शुल्क ठहरने व भोजन आदि की व्यवस्था की हैं। कथा का शुभारंभ शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। कथा आागामी 30 जनवरी तक चलेगी।
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