– मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम त्रिलोचन गौड़ को सौंपा ज्ञापन
जावरा। रतलाम जिला प्रॉपर्टी व्यवसायी संघ विगत कुछ वर्षों से अपनी मांगों को लेकर कई बार जिलाधीश एवं जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्या से अवगत करा चुका है। परन्तु अभी तक उनकी मांगों को दरकिनार करते हुए अभी तक कोई भी निर्णयात्मक आदेश नहीं दिया गया है। जिसके चलते अब संगठन को आंदोलन की राह पकडऩा पड़ी हैं, जिसके तहत गुरुवार को शहर के चौपाटी चौराहा स्थित गांधी उद्यान के बाद संगठन पदाधिकारियों व सदस्यों ने दोपहर 3 से 5 बजे तक धरना दिया। धरने के पश्चात अनुविभागीय अधिकारी त्रिलोचन गौड़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि सन् 1956-57 को आधार मानकर कृषि भूमि के नामांतरण पर रोक मौखिक आदेश के तहत लगाई गई थी जो कि पूर्णत: गलत है क्योंकि सम्पूर्ण प्रदेश में इस प्रकार से किसी प्रकार का कोई आदेश लागू नहीं है परन्तु रतलाम जिले में तत्कालीन जिलाधीश ने अपनी मनमानी करते हुए उक्त आदेश लागू किया है। जिसके कारण पूरे जिले में 1000 से अधिक कृषि भूमि के नामांतरण पर रोक लगी हैं। जबकि मुख्यमंत्री बनने के बाद रजिस्ट्री के साथ ही उसके नामांतरण की प्रक्रिया स्वत: पूर्ण होगी उस आदेश को दरकिनार करते हुए जिलाधीश एवं राजस्व विभाग के द्वारा सन् 1956-57 को आधार मानकर नामांतरण पर रोक लगा दी गई है। यह आपके आदेश की अवहेलना है जो कि केवल रतलाम जिले में ही लागू है। पदाधिकारियों ने मांगों का तुरन्त निराकरण कर प्रॉपर्टी व्यवसायी एवं आम जनता को राहत प्रदान करने का आव्हान मुख्यमंत्री से किया हैं। ज्ञापन का वाचन हेमंत श्रीमाल ने किया। संचालन यश जैन एडवोकेट ने किया। आभार राजकुमार मारवाड़ी ने माना।
इनकी रही उपस्थिति –
धरना प्रदर्शन और ज्ञापन के दौरान तलाम जिला प्रॉपर्टी व्यवसायी संघ,शाखा जावरा अध्यक्ष राकेश कुमार कोचट्टा, सुदेश खरीवाल, पूनमचंद माली, हेमंत श्री श्रीमाल, शरद डूंगरवाल, अनिल धारीवाल, प्रदीप शर्मा, श्याम सोनी, आकाश दसेड़ा, नंदकिशोर राठौर, रितेश खोईवाल, प्रमोद रावल, महेंद्र गंगवाल, सुभाष खारीवाल, महेश शर्मा रिंगनोद, वर्दीचंद धनोतिया, पवन चावला, दिनेश वर्मा, सुनील शर्मा, विकास सैनी, राधेश्याम राजपूत, सुनील पोखरना, वरुण श्रोत्रिय, असलम मेंव, रंजीत सिंघल, विजय नाहर, प्रदीप कोठारी आदि उपस्थित रहे। संगठन ने ये मांगे भी रखी –
– कृषि भूमि के नामांतरण प्रक्रिया के साथ ही भूमि का बटांकन एवं नक्शे में तरमीन किया जाए।
– प्रॉपर्टी की गाईडलाईन बढ़ाने के पूर्व इस व्यवसाय से संबंधित संगठनों की मीटिंग बुलाकर उनसे चर्चा की जाए।
– वर्तमान में जो गाईडलाईन निर्धारित की जा रही है वह बहुत ज्यादा है उन्हें कम किया जाए।
– कॉलम 12 में कृषि भूमि के क्रय विक्रय पर रोक हटाई जाए।
– कृषि भूमि के नपती के बाद फील्ड बुक देना अनिवार्य की जाए।
– सम्पूर्ण भारत में स्टाम्प ड्यूटी कम है जबकि मध्यप्रदेश में सबसे अधिक स्टाम्प ड्यूटी है इसे कम किया जाकर आम जनता को राहत प्रदान की जावे।
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