– शहर के जीनियस पब्लिक स्कूल में किया आयोजन
– पंजाबी समाज के ज्ञानी हंसराजसिंह का किया सम्मान
जावरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाये जाने के संदर्भ में प्रदेश भाजपा के निर्देशानुसार रतलाम जिले में जावरा में जीनियस पब्लिक स्कूल में पंजाबी समाज के ज्ञानी हंसराज सिंह के मुख्य आतिथ्य में वीर बाल दिवस मनाया गया। जिसमें ज्ञानीजी एवं पंजाबी समाज के अध्यक्ष अमृत सिंह सेठी का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया।
ज्ञानी हंसराज सिंह ने गुरु गोविंदसिंह के साहबजादो की वीर गाथा प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। जिन्होंने सिख गुरु गोविंद सिंह के साहबजादो बाबा अजीत सिंह, बाबा जूझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतेहसिंह के बलिदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वीर बाल दिवस की घोषणा की। ज्ञानीजी ने कहा कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोविंदसिंह ने अपने पूरे परिवार का बलिदान कर दिया उनके पिता तेगबहादुर सिंह ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली में अपना शीश कटवा लिया जो आज भी दिल्ली में शीशगंज गुरुद्वारे के नाम से चांदनी चौक में स्थित है।
वीरों की भूमि है भारत –
ज्ञानी हंसराजसिंह ने कहा कि भारत वीरों की भूमि है और इसी भूमि पर वीर साहबजादो ने जन्म लिया और बलिदान दिया, इसलिए 20 दिसंबर से 30 दिसंबर तक पंजाबी समाज खुशी का कोई काम नहीं करते क्योंकि इसी समय में गुरु गोविंदसिंह ने अपने परिवार का बलिदान किया। आपने गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाव बलिहारी गुरु आपकी जो गोविंद दियो बताएं का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरु गोविंदसिंह ने जो बलिदान दिया उसे अब इतिहास में स्थान दिया जा रहा है और पाठ्यक्रम में भी जोड़ा जा रहा है। यह हमारा गौरवशाली इतिहास है आपने कहा कि गुरु नानकदेव ने वाहेगुरु का संदेश दिया। जिसमें विष्णु, हरी, गोविंद, राम का उल्लेख है।
इनकी रही उपस्थिति –
जिला टोली के संयोजक अभय कोठारी ने बताया कि वीर बाल दिवस का शुभारंभ गुरु गोविंद सिंह के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित से हुआ। बलविंदर सिंह सेठी ने गीत प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण राजेश शर्मा ने दिया। इस मौके पर अशोक मोंगा, अनिल मोदी, घनश्याम सोलंकी, राजेश धाकड़, मोतीलाल यादव, मनोहर पांचाल, बंटी खनूजा, देवेंद्रसिंह गुर, कुलजीतसिंह गुर, मनीष ऊंटवाल आदि मौजुद रहे। संचालन सोनू यादव ने किया। आभार विरेन्द्रसिंह चौहान ने किया।