– करीब 10 साल पहले कालूखेड़ा में भोज मुक्त विश्वविद्यालय के केन्द्र पर दी थी परीक्षा
– न्यायालय ने दोनो आरोपियों पर कारावास के साथ अर्थदण्ड भी आरोपित किया
जावरा। समीपस्थ ग्राम कालूखेड़ा के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में भोज मुक्त विश्व विद्यालय के परीक्षा केन्द्र पर बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा में साले के स्थान पर जीजा परीक्षा केन्द्र पहुंचा और परीक्षा देने लगा, पर्यवेक्षक ने जब फोटो मिलान किया तो मामला उजागर हुआ। जिस पर प्राचार्य ने कालूखेड़ा थाना पर रिपोर्ट लिखवाई। जिसके बाद करीब दस साल मामला न्यायालय में विचाराधीन होकर निर्णय पर पहुंचा। करीब दस साल बाद आए फैसले में आरोपी जीजा और साले को न्यायालय ने दो-दो साल के लिए जैल भेज दिया, साथ ही दोनो पर अर्थदण्ड भी आरोपित किया हैं।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी भूपेन्द्र कुमार सांगते ने बताया कि दिनांक 15 जून 2015 को थाना कालूखेडा पर फरियादीया संजना पति राजेश चौहान निवासी 105 गांधी कॉलोनी जावरा, प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल कालूखेडा ने आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें बताया कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल कालूखेडा पर भोज मुक्त विश्वविद्यालय की बी.ए. प्रथम वर्ष आधार पाठ्यक्रम विषय की परीक्षा 15 जून 2015 को परीक्षार्थी गोपाल पिता भरतलाल जाट निवासी पंचेड को परीक्षा में सम्मिलित होना था, किंतु उक्त गोपाल के रोल नम्बर पर देवकरण पिता शिवनारायण चौधरी निवासी ग्राम कंसेर द्वारा परीक्षा देना पाया गया। पर्यवेक्षक कालुराम परिहार द्वारा उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर कराते समय, प्रवेश पत्र पर फोटो का मिलान करने पर मिलान नही होने से फरियादीया को सूचना दी गई। फरियादीया परीक्षा कक्ष में पहुच कर देखा कि परीक्षार्थी गोपाल के स्थान पर देवकरण उत्तर पुस्तिका हल करते पाया गया। देवकरण से गोपाल के सम्बंध में पुछने पर देवकरण ने गोपाल के स्थान पर द्वारा परीक्षा देना बताया। फरियादीया द्वारा कक्षा उपस्थित पर्यवेक्षक व छात्रों के समक्ष मौके पर पंचनामा बनाया गया था, जिसमें देवकरण द्वारा बताया गया था कि मेरे द्वारा गोपाल जाट के स्थान पर परीक्षा दी जा रही थी। फरियादीया द्वारा प्रस्तुत आवेदन के आधार पर थाना कालूखेडा पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध अभियोगपत्र धारा 419, 420,120 बी भादवि व धारा 3, 4 म.प्र. मान्यता परीक्षा अधिनियम 1984 न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया।
विचारण उपरांत सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की मिली सजा –
न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत साक्ष्य एवं तर्को के आधार पर आरोपीगण देवकरण पिता शिवनारायण चौधरी निवासी ग्राम कंसेर थाना कालुखेडा जिला रतलाम तथा गोपाल पिता भरतलाल जाट निवासी ग्राम पंचेड थाना नामली जिला रतलाम के विरूद्ध, धारा 419 में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रुपयें अर्थदण्ड एवं धारा 4 म.प्र. मान्यता परीक्षा अधिनियम 1984 में 06-06 माह व 1000-1000 रुपयें अर्थदण्ड से दंडित से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी भुपेन्द्र कुमार सांगते, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जावरा एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुनील सिंह खेर जावरा द्वारा की गई।
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