– घाट पर जमी काई, फैली गंदगी – नहीं हो रही सफाई
– दो साल में नहीं हुआ कोई विकास कार्य, पवित्रता और भव्यता खो रहा प्राचीन स्थल
जावरा। तीन नदीयों के संगम प्रयागराज में इन दिनों जहां एक और महाकुंभ की धुम मची हुई हैं, वहीं रतलाम जिले के एक मात्र तीन नदियों के संगम स्थल पर गंदगी अपने पैर पसार रही हैं। यह संगम स्थल प्रशासनिक लापरवाही के चलते मैला होता जा रहा हैं, यहां के घाटों पर काई जमा हो रही हैं तो घाट के समीप गंदगी और कचरे के ढेर लगे हैं। जब ये यह स्थल स्थानिय समिति से प्रशासन को हेण्डओव्हर हुआ हैं तब से यहां पर ना तो कोई विकास कार्य हुआ हैं और नाही कोई प्रशासनिक अधिकारी ने यहां की सुध ली हैं। ऐसे में रतलाम जिले में सामुहिक तर्पण के प्रसिद्ध यह स्थान अपनी पवित्रता और भव्यता को लगातार खोता जा रहा हैं। लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं। रतलाम जिले के जावरा विकास खण्ड के ग्राम रिंगनोद क्षैत्र में गोंदीशंकर के समीप चंबल, मलेनी और पिंगलानदी का संगम स्थल श्री मनकामनेश्वर महादेव मंदिर (मींडाजी) के नाम से प्रसिद्ध हैं। तीन नदियों का संगम होने से यह स्थान तर्पण कार्य के लिए उपयोग होता हैं। इसी संगम तट पर श्मशान भी बना हैं। पूर्व में इस स्थान की देख रेख और विकास कार्यो के लिए समिति बनी हुई थी, जो लगातार विकास कार्य कर रही थी। लेकिन करीब दो साल पूर्व इस मंदिर की देख रेख और विकास कार्य का जिम्मा प्रशासन को सौंप दिया गया। तब से लेकर अब तक इस स्थान पर कोई विकास कार्य नहीं हुआ हैं, प्रशानिक अधिकारियों ने यहां विकास के नाम पर एक ईट भी नहीं लगाई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह स्थान अपनी पवित्रता खोता जा रहा हैं। जिसके चलते ग्रामीणों मे भी रोष व्याप्त हैं। ग्रामीणों की माने तो पूर्व में समिति द्वारा ही विकास कार्य किए गए हैं, पूर्व समिति के समय यहां आए दिन कोई न कोई आयोजन चाहे वह सामाजिक हो या धार्मिक हुआ करता था, लेकिन जब से इस स्थान का जिम्मा प्रशासन के पास गया हैं, तब से इस स्थान पर कोई भी बड़ा आयोजन नहीं हुआ हैं।