जावरा : कीडनी की बीमारी से पीडित लोगों को अब डायलसिस के लिए बडे शहरों की ओर नही जाना पडेगा, यह सुविधा अब जावरा के सरकारी अस्पताल में ही शुरू हो गई है, जावरा के सरकारी अस्पताल में इस सुविधा का शुभारम्भ विधायक डॉ राजेंद्र पाण्डेय ने किया शुभारंभ के बाद जावरा के मंगलसिंह चौहान व उनकी पत्नी का डायलसिस एमडी डॉ विजय पाटीदार की देखरेख में हुर्ई। मंगलसिंह ने बताया कि उन्हे सप्ताह में दो बार मंदसौर डायलसिस कराने जाना पड़ता था। एक बार के अस्पताल का 1200 रूपये का चार्ज व आने-जाने का खर्च अलग लगता था, अब सिविल अस्पताल में विधायक के प्रयास से नि:शुल्क डायलसिस हुआ है।
विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय ने इस मोके पर कहा की जावरा के सरकारी अस्पताल में जिला स्तर की सारी सुविधाएंं उपलब्ध है। दो नई डायलसिस मशीन के साथ-साथ आईसीयू, आधुनिक लेब, डिजिटल एक्सरे के साथ नई मेटरनिटी विंग, बाल चिकित्सालय, 2 आक्सिजन प्लांट, नया ओपीडी भवन, 2 संजीवनी क्लिनिक तथा फिजियोथेरेपी सेंटर के साथ-साथ सिविल हॉस्पिटल पिपलोदा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिंगनोद तथा 16 नए उप स्वास्थ्य केंद्रो के भवन के स्वीकृत होकर उनके निर्माण कार्य चल रहे है। जिसमें कुछ के कार्य पूरे हो गए है। स्वास्थ्य के क्षेत्र मे जावरा विधानसभा क्षेत्र मे लगभग 30 करोड़ से ज्यादा के कार्य भाजपा की शिवराज सरकार मे हुए हैं। इस दौरान एसडीएम अनिल भाना, सीएमएचओं डॉ. आनंद चंदेलकर भी उपस्थित थे। एसडीएम अनिल भाना ने कहा अब मरीजों डायलसिस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। कोरोना काल के समय से मरीजों का सरकारी अस्पतालों में भरोसा आज भी कायम है। सीएमएचओं डॉ. आनंद चंदेलकर ने कहा संयमित खान, पान, रहन-सहन से स्वस्थ रहा जा सकता है। किडनी को स्वस्थ्य रखने के लिए फिट रहें, वजन पर कन्ट्रोल करे ओर पानी ज्यादा पीयें, अधिक दवाओं के सेवन से बचकर हम किडनी को स्वस्थ रख सकते है। अस्पताल प्रभारी डॉ. दीपक पालडिया ने शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डायलसिस मशीन के ऑपरेटर करने संबंधित जानकारी दी। इस मौके पर डॉ. अभिजीतसिंह राठौर, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि हेमराज हाड़ा, नपा उपाध्यक्ष सुशील कोचट्टा, पार्षद रजत सोनी, तेजसिंह कदम, पिंकी यादव आदि उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत रशीद कादरी, शैलेन्द्रकुमार दवे, गोपाल राठौर, हेमंत पंडियार, शशिकांत मालवीय, राकेश चांवरे, शंकर माली आदि ने किया। संचालन शेलेन्द्रकुमार दवे ने किया तथा आभार गोपाल राठौर ने माना।